जानिए, लाजवर्त रत्न धारण करने के चमत्कारिक फायदे
लाजवर्त जिसका एक नाम लापिस लाजुली भी है. इस उपरत्न को शनि ग्रह के रत्न नीलम के उपरत्न रुप में धारण किया जाता है. इस उपरत्न की व्याख्या आसमान के सितारों से की जाती है. इस उपरत्न का रंग नीले रंग की विभिन्न आभाओं में पाया जाता है. नीले रंग के अंदर सफेद अथवा पीले रंग के धब्बे भी इस उपरत्न में पाए जाते हैं. इस उपरत्न की सबसे अच्छी किस्म में किसी प्रकार का कोई मिश्रण नहीं होता है.
लाजवर्त न केवल शांति हेतु उपयोग होता है अपितु इसका उपयोग सुंदर आभूषण बनाने और कई प्रकार की अन्य वस्तुओं में भी किया जाता रहा है. लाजवर्त का उपयोग बहुत पुराने समय से अनेक सभ्यताओं में देखा जाता रहा है. इसका उपयोग न केवल प्राचीन भारतीय संस्कृति में ही था, अपितु इसका उपयोग सिंधु घाटी की सभया में मिले अवशेषों में भी देखा गया है. इसे सुन्दर चमकदार रंग के कारण ही यह रत्न इतना बहुमूल्य रहा है. भारतीय ज्योतिष शास्त्र में इसे नव रत्नों में स्थान दिया गया है.